भारत सरकार | रक्षा मंत्रालय | GOVERNMENT OF INDIA | MINISTRY OF DEFENCE |
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रक्षा लेखा महानियंत्रक का संदेश
Message from CGDA
DIGITAL LIFE CERTIFICATE (DLC) 4.0/SPARSH Outreach Programmes Stations
Advisory on Phishing Email Incident and Security Measures.
URGENT NOTICE - Beware of Fake Message on Social Media
Conducting of SAS Examination in the Defence Accounts Department: Modification in the SAS Rules 2019.250 वर्ष पुराना रक्षा लेखा विभाग भारत सरकार के सबसे पुराने विभागों में से एक है । रक्षा लेखा महानियंत्रक द्वारा संचालित रक्षा लेखा विभाग वर्तमान में रक्षा लेखा सेवाओं तथा रक्षा से जुड़े अन्य संगठनों जैसे भारतीय तटरक्षक बलों, सीमा सड़क तथा कैन्टीन भंडार विभाग को वित्तीय सलाह प्रदान करने तथा उनके व्यय तथा प्राप्तियों के भुगतान, लेखांकन एवं आंतरिक लेखा परीक्षा के लिए उत्तरदायी है। रक्षा लेखा महानियंत्रक, 04 रक्षा लेखा अपर महानियंत्रकों, 19 प्रधान नियंत्रकों तथा सेना, नौसेना, वायुसेना, आयुद्ध निर्माणियों, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठनों, तटरक्षक बल एवं सीमा सड़क संगठन आदि से संबंधित कार्य देखने वाले क्षेत्रीय नियंत्रकों (सेना ), प्रयोजनमूलक नियंत्रकों /एकीकृत वित्तीय सलाहकारों का कार्य देखने वाले 70 रक्षा लेखा नियंत्रक स्तर के अधिकारियों की सहायता से विभाग का संचालन करते हैं । प्रयोजनमूलक नियंत्रक सीमा सड़क संगठन, पेंशन एवं पेंशन संवितरण तथा कैन्टीन भंडार विभाग आदि जैसे विशेष संगठनों को अपनी सेवा प्रदान करते हैं । अधिक>>
रक्षा लेखा विभाग उपभोक्ता की संतुष्टि के लिए दक्ष सही तथा तत्काल लेखाकंन भुगतान तथा वित्तीय सलाह प्रदान करने के लिए प्रतिबद्व है । यह लोक जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए दक्ष लेखापरीक्षा सेवा प्रदान करने के लिए भी प्रतिबद्व है ।
हम रक्षा संबंधी राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों के साथ संरेखित वित्तीय संसाधनो का इष्टतम और परिणामोन्मुखी प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय सलाह, लेखांकन, आंतरिक लेखा परीक्षा और भुगतान के अपने मूल कार्यों को निष्पादित करते हुए रक्षा वित्त और अर्थशास्त्र में परिवर्तनकारी उत्कृष्टता लाने हेतु अग्रसर हैं ।
सजग - गतिशील रक्षा वित्त और आर्थिक अनिवार्यताओं, रक्षा संबंधी सुरक्षा लक्ष्यों और मूल कार्यों के पुनः संरेखण की आवश्यकता के प्रति ;
स्फूर्त - आने वाली चुनौतियों एवं अवसरों का सक्षमता, कार्य-दक्षता, सटीकता और शीघ्रता के साथ सामना करने में ;
अनुकूलन - बदलते रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के लिए दक्षता, मितव्ययिता, प्रभावशीलता और उधमशीलता के साथ ।